दोनों तरह के फॉर्मेट में भारत की ओर से सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले अनिल कुंबले को महान खिलाड़ियों में से एक माना जाता है जिन्होंने खेल की शोभा बढ़ायी है। लेग स्पिनर जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को 2008 में अलविदा कह दिया है 132 टेस्ट मैचों में 619 विकेट और 271 वनडे अंतरराष्ट्रीय में 337 विकेट लिये हैं।
‘जम्बो’ ने साल 2016-2017 के बीच भारत के हेड कोच की भूमिका निभाई है। वे फिलहाल आईपीएल की फ्रेंचाइजी किंग्स इलेवन पंजाब के कोच हैं। अपने शानदार करियर के दौरान कुंबले की अनोखी क्षमता गेंद को ट्वीक करने के साथ रफ्तार पैदा करने की थी।
कई स्पिनर्स ने अपने करियर की शुरुआत तेज गेंदंबाज के तौर पर की थी। लेकिन अपनी बनावट, कद और गेंद को मरोड़ने की क्षमता के आधार पर उन्हें अपने कोचों से सलाह मिलती है कि वे स्पिन गेंदबाजी में हाथ आज़माएं। कुंबले हालांकि तेज रफ्तार के साथ गेंद को स्पिन करने की अपनी क्षमता के कारण अपने तरह के एक अलग खिलाड़ी बन गये थे।
स्टार स्पोर्ट्स शो क्रिकेट कनेक्टेड पर हुई एक बातचीत के दौरान मांजरेकर ने याद किया कि कैसे कुंबले अपनी बहुत तेज़ रफ्तार के साथ विपक्षी टीम के डराते थे। मांजरेकर ने खुलासा किया कि कुंबले को ‘लंबा लेग स्पिनर जो बिल्कुल भी स्पिनर की तरह नहीं है के तौर पर जाना जाता था।’ वह यहां तक कि प्रथम श्रेणी के क्रिकेट में बाउंसर्स फेंकते थे जिसकी वजह से बल्लेबाजों के लिए उनकी गेंदबाजी का आंकलन करना मुश्किल होता था।
मांजरेकर ने शो में कहा “अनिल कुंबले के बारे में पहले से ही बातें की जा रही थी कि एक लंबा लेग स्पिनर है, जो स्पिनर की तरह नहीं है। वह फर्स्ट क्लास क्रिकेट में बाउंसर फेंकता है। और मुझे याद है कि उनके कुछ फर्स्ट क्लास परफॉर्मेंस थे, जहां लोग उन घरेलू पिचों में से कुछ पर उनके बाउंसर फेंकने के बारे में बात कर रहे थे।''
अनिल कुंबले की छवि ने उन्हें बेहतर बनाया: संजय मांजरेकर
मांजरेकर ने खुद कुंबले का रणजी ट्रॉफी में सामना किया जब वे मुंबई का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। कुंबले कर्नाटक के लिए घरेलू सर्किट में खेलते थे। मांजरेकर कुंबले के साथ ड्रेसिंग रूम भी शेयर करते थे क्योंकि दोनों ने भारत के लिए 17 टेस्ट और 40 वनडे अंतरराष्ट्रीय में एक साथ खेला है।
मांजरेकर ने कहा कि कई बार बल्लेबाज कुंबले की गेंदों को उसी तरह का पाते थे, जैसे वे ब्रेट ली की गेंदों को पाते थे। ब्रेट ली अपनी गति के लिए जाने जाते हैं। पाकिस्तान के सबसे तेज गेंदबाज शोएब अख्तर और ब्रेट ली के बीच यह जंग अक्सर रहती थी कि कौन सबसे तेज गेंदबाज है।
उन्होंने कहा, ''लोग उनकी गेंदों का बचाव उसी तरह करते थे, जैसे वह ब्रेट ली के सामने खेलते थे। उनकी छवि ऐसी थी।'' वहीं ब्रेट ली ने कहा कि अनिल कुंबले यूनिवर्सिटी के शर्मिले छात्र की तरह लगते थे, जो चश्मा पहनता है। जब उन्होंने डेब्यू किया, तब वह कुछ-कुछ डेनिलय विट्टोरी की तरह लगते थे।
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