इंडियन सुपर लीग अब औपचारिक रूप से भारत की प्रीमियर फुटबॉल प्रतियोगिता है जिसने अब टीमों को पूरी तरह से स्पोर्टिंग मेरिट के शर्तों पर स्वीकार करने का फैसला किया है। यह नई व्यवस्था सिर्फ 9वें और 10वें सीजने के लिए है। इस नई व्यवस्था से आई-लीग क्लबों में खुशी की लहर है। आईएसएल और आई-लीग एक नये रोडमैप के साथ कुआलांपुर में आयोजित एक बैठक में शामिल हुईं जो कि ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन (एआईएफएफ) और एशियन फुटबॉल कन्फेडरेशन (एएफसी) द्वारा आयोजित की गयी थी।
रोडमैप के मुताबिक आई-लीग से 2 टीमों को आईएसएल के अगले सत्र में खेलने का मौका मिलेगा। प्राय: हर व्यक्ति यह विश्वास करता है कि ये 2 टीमें मोहन बगान और ईस्ट बंगाल होंगी लेकिन कोलकाता के इन 2 मुख्य टीमों को बोली की प्रक्रिया से होकर गुजरना होगा।
आईएसएल अपने दरवाजे आईलीग विजेता के लिए सिर्फ आखिरी 2 सत्रों (2022-23) के लिए खुला रखेगी। एआईएफएफ के जनरल सेक्रेटरी कुशल दास ने कहा ‘मुझे लगता है कि आप इसे विन-विन परिस्थिति कह सकते हैं। थोड़ा सा धैर्य जरूरी है। हमलोगों ने भारतीय फुटबॉल की बेहतरी के लिए सर्वश्रेष्ठ रोडमैप पाया है।’
आईएसएल के पास जश्न मनाने के लिए काफी कुछ है। साल 2014 के बाद से पहली बार आईएसएल आई-लीग को दूसरे स्थान पर हटाकर औपचारिक रूप से प्रीमियर लीग बना है। आईएसएल लीग के विजेता जो कि फाइनल जीतने वाले विजेता नहीं हैं एएफसी चैंपियंस लीग के प्लेऑफ में खेलने के लिए टिकट पायेंगे जबकि आई-लीग चैंपियंस एएफसी कप में खेलेंगे। एएफसी टूर्नामेंट के लिए दूसरा स्थान सामान्य रूप से कप प्रतियोगिताओं के लिए आरक्षित है।
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