दक्षिण अफ्रीका के पूर्व क्रिकेटर जोंटी रोड्स रविवार को भारतीय मध्यक्रम के बल्लेबाज सुरेश रैना के साथ लाइव इंस्टाग्राम सेशन में शामिल थे। बातचीत के दौरान 50 वर्षीय खिलाड़ी ने रवींद्र जडेजा को आधुनिक क्रिकेट में सर्वश्रेष्ठ फील्डरों में से एक चुना। इसके अलावा, उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में फील्डिंग के महत्व को भी समझाया।
रोड्स खुद को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के इतिहास में सर्वश्रेष्ठ फील्डरों में से एक का दर्जा दिया गया है। इसके अलावा, उन्होंने अतीत में इंडियन प्रीमियर लीग में मुंबई इंडियंस के फील्डिंग कोच की भी भूमिका निभाई। इस वर्ष भी वह किंग्स इलेवन पंजाब के लिए यही भूमिका निभाने के लिए तैयार थे। लेकिन बीसीसीआई ने कोविड-19 के प्रकोप के बीच अनिश्चित काल के लिए कैश-रिच लीग को स्थगित कर दिया।
जोंटी रोड्स ने सर्वश्रेष्ठ फील्डर्स चुने
लाइव सेशन के दौरान, पूर्व खिलाड़ी ने कहा कि रवींद्र जडेजा ने अतीत में कई शानदार कैच लिए हैं। उनके अनुसार, जड्डू की सफलता की कुंजी मैदान पर उनका फोकस और पूर्वाभास की क्षमता है। उन्होंने एबी डिविलियर्स, मार्टिन गुप्टिल और माइकल बेवन के साथ-साथ भारतीय ऑलराउंडर का भी नाम लिया जिन्हें उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अब तक के सर्वश्रेष्ठ फील्डर्स के रूप में देखा है।
रोड्स ने रैना को लाइव इंस्टाग्राम सेशन के दौरान बताया "जड्डू (जडेजा) ने कुछ शानदार कैच लिए हैं। उनकी सफलता का राज उनका समर्पण है। वह गेंद को लेकर अंदाजा लगाने के बारे में बहुत अच्छे हैं। मुझे डिविलियर्स को बल्लेबाजी और फील्डिंग करते देखना काफी पसंद है। मार्टिन गुप्टिल भी हैं। जड्डू हैं। माइकल बेवन भी, वह काफी तेज थे। जड्डू भी मैदान पर काफी तेज हैं।"
रैना ने रोड्स को यह बताने के लिए भी कहा कि जब उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया था फील्डिंग डिपार्टमेंट में उस समय से क्या बदल गया है। इसके लिए 50 वर्षीय खिलाड़ी ने कहा कि 90 के दशक में फील्डिंग एक बड़ा हिस्सा नहीं थी और कोई भी टीम इस पर जोर नहीं देती थी। लेकिन, अब टीमों को यह समझ आ गया है कि फील्डिंग भी उन्हें मैच जिता सकती है। उन्होंने कहा कि आज हर खिलाड़ी मैदान पर बेहद फिट और एथलेटिक दिखता है जो कभी-कभी खेल के चरण को बदलने में उनके पक्ष में मदद करता है।
उन्होंने जोड़ा “1990 में फील्डिंग खेल का अहम हिस्सा नहीं होती थी। अब में और तब में एक अंतर यह है कि उस समय टीम में एक-दो ही अच्छे फील्डर हुआ करते थे। अब फिटनेस का स्तर काफी बढ़ गया है, सिर्फ आईपीएल और टी-20 क्रिकेट में ही नहीं बल्कि हर फॉर्मेट में। विराट कोहली अगर टेस्ट में बल्लेबाजी कर रहे हैं तो आप उन्हें दो मौके नहीं देने चाहते नहीं तो वो बल्लेबाजी करते रहेंगे।"
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