विराट कोहली अब देश के सबसे अमीर खेल एथलीटों में से एक हैं। लेकिन, दिल्ली में जन्मे बल्लेबाज़ काफी साधारण बैकग्राउंड के हैं और बड़े होने के दौरान वह अमीर नहीं थे। रविवार को भारतीय कप्तान फुटबॉल स्टार सुनील छेत्री के साथ बातचीत कर रहे थे। बातचीत के दौरान दिल्ली में पले-बढ़े दोनों खिलाड़ियों ने बसों में यात्रा करने के अपने अनुभव को साझा किया।
भारतीय बल्लेबाज ने खुलासा किया कि वह अपने प्रैक्टिस सेशंस के लिए या तो बस से जाते थे या साइकिल से जाते थे। उन्होंने यह भी कहा कि उनके पिता उन्हें फ़िरोज़ शाह कोटला (अब अरुण जेटली स्टेडियम के नाम से जाना जाता है) में मैचों के दौरान छोड़ देते थे।
कोहली ने सुनील छेत्री के साथ चैट के दौरान कहा, “मैंने बस में खूब यात्रा की है। मेरे पास बस के लिए एकेडमी पास था। मेरे पास एक साइकिल भी थी, जिसमें पीछे कैरियर था। बाद में मैंने एक डफल बैग लिया ताकि दोनों तरफ अपने बल्ले रख सकूं। मगर मेरे पिता मुझे कुछ मैचों में छोड़ने जाया करते थे। जब मेरा मैच कोटला पर होता था तो मेरे पिता मुझे छोड़ते थे क्योंकि वह हाई कोर्ट में प्रैक्टिस करते थे।”
मेरे चेहरे को देखने के बाद लोग मुझे गंभीरता से नहीं लेते थे : विराट कोहली
भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान ने कोहली से पूछा कि क्या उन्होंने कभी बिना टिकट के बस में यात्रा की है। इसके लिए, भारतीय बल्लेबाज ने कहा कि वह कभी भी बस कंडक्टर से झूठ नहीं बोल सकते थे कि वह एक स्टाफ सदस्य था। उन्होंने कहा कि उनके पास कभी भी उस आत्मविश्वास की आभा नहीं थी जो लोगों को खींच सके।
कोहली ने कहा, “नहीं मैंने ऐसा नहीं किया। लोग मेरे चेहरे को देखने के बाद मुझे गंभीरता से नहीं लेते थे। मैं अगर उन्हें कहूं कि स्टाफ सदस्य हूं तो तुरंत पकड़ लेते थे कि मैं झूठ बोल रहा हूं। स्टाफ सदस्यों की एक पर्सनालिटी होती है, जिसके तहत वह बस में जाते हैं, लेकिन मेरे अंदर वो नहीं था। मैंने एक बार कंडक्टर को कहा कि मैं स्टाफ सदस्य हूं, लेकिन कंडक्टर ने मुझसे ऐसा सवाल किया कि मुझे बस से उतरना पड़ा। मैंने कभी कंडक्टर से झूठ बोलकर कि स्टाफ सदस्य हूं यात्रा नहीं की। मगर मैंने अन्य लड़कों को देखा कि उनमें एक अलग ही तरह का विश्वास था।”
वहीं फुटबॉल स्टार ने खुलासा किया कि उन्होंने भी बस में खूब यात्रा की है। उन्होंने कहा कि वह जोखिम उठाकर बस में बिना टिकट यात्रा करने की कोशिश करते थे, यह सोचकर कि अगर पकड़ा गए तो ज्यादा नुकसान नहीं होगा। छेत्री ने बताया कि उन्होंने ऐसा तब तक किया, जब तक जुर्माना नहीं बढ़ाया गया। भारतीय फुटबॉल कप्तान ने कहा, “मैं तो डीटीसी बस में बिना टिकट कई बार घूमा हूं। उस समय जुर्माना 20 रुपए था। मगर मैं 20 रुपए को पॉकेट मनी मानकर चलता था। जब कभी पकड़ा जाऊं तो जुर्माना भर देता था। ऐसा कुछ समय चला फिर मैं पकड़ा गया। मैंने जुर्माना भर दिया। फिर जुर्माने की रकम बढ़ाकर 50 रुपए कर दी, तब मैंने यह करना बंद कर दिया।”
Blog_Module.Readlist
- सोशल मीडिया पर फैली कीरोन पोलार्ड की मौत की अफवाह, फैंस हैरान
- नहीं होगा रणजी ट्रॉफी का आयोजन, बीसीसीआई ने विजय हजारे ट्रॉफी और महिलाओं के वनडे टूर्नामेंट को दी हरी झंडी
- फैन ने महिला क्रिकेट का उड़ाया मज़ाक तो इस महिला खिलाड़ी ने दिया करारा जवाब
- अजिंक्य रहाणे ने किया कंगारू केक को काटने से इनकार, बतायी दिल छू लेने वाली यह वजह
- ऑस्ट्रेलियाई टीम में एलेक्स कैरी कर सकते हैं टिम पेन को रिप्लेस, मुख्य चयनकर्ता ट्रेवर होन्स ने दिये संकेत
Blog_Module.Comments