आखिरकार वही हुआ जो होना था। 2 साल का कॉन्ट्रैक्ट होने के बावजूद एक तरफा कॉन्ट्रैक्ट खत्म कर देने के कारण क्वेस ईस्टबंगाल एफसी प्रबंधन को स्पैनिश फुटबॉलर थाइमे कोलाडो के वकील ने चिट्ठी भेजी है।
2 महीने का वेतन बाकी रखते हुए कुछ दिन पहले ही क्वेस फुटबॉल एफसी की ओर से सभी को चिट्ठी भेजकर कहा गया था कि एक महीने का वेतन काटने और कॉन्ट्रैक्ट खत्म करने की बात मान लेने पर अप्रैल महीने का वेतन दे दिया जायेगा। उसी के मुताबिक कुछ फुटबॉलरों ने क्वेस द्वारा भेजी गयी चिट्ठी पर हस्ताक्षर कर अप्रैल महीने का वेतन ले लिया था। लेकिन कोलाडो व डिका जैसे फुटबॉलर जिनके साथ क्वेस ईस्टबंगाल एफसी का 2 साल का कॉन्ट्रैक्ट है उन्होंने अभी भी उस चिट्ठी पर कोई हस्ताक्षर नहीं किये हैं।
हालांकि क्वेस को भेजी गयी चिट्ठी पर हस्ताक्षर करने का आखिर दिन भी निकल गया है। कोलाडो व डिका के अलावा क्वेस द्वारा भेजी गयी चिट्ठी पर जॉनी एकोस्टा, काशिम, सामाद, हाओकिप सहित और भी कई लोगों ने हस्ताक्षर नहीं किये हैं।
इतने दिनों तक क्वेस द्वारा भेजी गयी चिट्ठी पर हस्ताक्षर ना करते हुए भी आखिरकार एक महीने का वेतन छोड़ देने के सम्मतिपत्र पर हस्ताक्षर कर अप्रैल महीने का वेतन कोच मारियो ने ले लिया है। समझ चुके हैं कि अगले सत्र में उनके कोच होने की संभावना नहीं के बराबर है। इसलिए जो वेतन मिल रहा है उसे भी वे खोना नहीं चाहते थे। लेकिन डिका और कोलाडो जैसे खिलाड़ियों का अगले सत्र में भी ईस्टबंगाल के साथ कॉन्ट्रैक्ट है।
फुटबॉलरों के साथ क्वेस ईस्टबंगाल एफसी का जो कॉन्ट्रैक्ट था उसके मुताबिक उस तरह का कुछ बड़ी प्राकृतिक आपदा होने पर प्रबंधन एक महीने का वेतन काट सकती है। उसी वजह से सारे फुटबॉलरों का मई महीने का वेतन क्वेस ने काट दिया है। इसलिए जो अभी भी क्वेस के साथ कॉन्ट्रैक्ट खत्म करने की सम्मतिपत्र पर हस्ताक्षर नहीं किये हैं उन्हें भी क्वेस अप्रैल महीने का वेतन दे देगा। लेकिन मई महीने का वेतन हरगिज़ नहीं दिया जायेगा। जो फुटबॉलर सोच रहे हैं कि कॉन्ट्रैक्ट खत्म करने या वेतन काटने को लेकर फेडरेशन या फीफा के पास जाना चाहते हैं उन्हें कोई फायदा नहीं होगा योंकि प्राकृतिक आपदा के कारण वेतन काटे की बात पहले ही कॉन्ट्रैक्ट में लिखी है।
लेकिन डिका और कोलाडो की बात अलग है। इन दोनों का अगले सत्र के लिए भी कॉन्ट्रैक्ट है। इसलिए कोलाडो के वकील ने चिट्ठी देकर कहा है कि अगले सत्र की क्षतिपूर्ति कौन देगा। और यही डर की बात है ईस्टबंगाल के अधिकारियों के लिए। क्वेस के चले जाने के बाद अगर किसी फुटबॉलर के साथ वेतन की समस्या रहती है तो उसे क्लब को ही मिटाना होगा।
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